नई दिल्ली/बहरीन | भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने हमें यहां भेजा है ताकि दुनिया को यह समझ सके कि भारत कितने सालों से आतंकवाद का सामना कर रहा है।”
ओवैसी एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बहरीन में अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिस्सा लेने पहुंचे हैं, जहां उन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को दुनिया के सामने रखने की बात कही।
भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि में आया बयान
यह बयान उस समय आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत राजनयिक स्तर पर समर्थन जुटाने की कोशिश में है और इसी क्रम में ओवैसी का यह बयान अहम माना जा रहा है।
ओवैसी का बयान: एकता और रणनीतिक संवाद का प्रतीक
ओवैसी ने कहा, “हम सिर्फ एक दल या पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे, हम भारत की आवाज़ हैं। हम दुनिया को यह बताने आए हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अकेला नहीं रहना चाहिए।”
भारत की छवि और कूटनीतिक प्रयास
सरकार की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल को भेजने का उद्देश्य भारत की राजनयिक छवि को सशक्त करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताना है कि भारत आतंकवाद का सबसे पुराना और लगातार निशाना रहा है। बहरीन जैसे खाड़ी देशों में भारत की इस स्थिति को समझाना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है।