मुंबई | जुलाई 2024 में हुए एक गंभीर हादसे के बाद क्षतिग्रस्त हुआ भारतीय नौसेना का स्वदेशी युद्धपोत INS ब्रह्मपुत्र अब एक बार फिर से सेवा में लौटने की राह पर है। यह युद्धपोत उस समय बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था जब मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में आग लगने के बाद पानी भरने से यह झुककर पलट गया था। लेकिन अब नौसेना इसे दोबारा समुद्र में उतरने के लिए युद्धस्तर पर तैयार कर रही है।
INS ब्रह्मपुत्र की मरम्मत का प्लान
नौसेना अधिकारियों के अनुसार, युद्धपोत की ‘फ्लोट और मूव’ (समुद्र में तैरने और चलने की क्षमता) को बहाल करने का काम 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक पूरा किया जा सकता है। वहीं इसकी ‘फाइट’ यानी हथियार प्रणाली और युद्ध क्षमता को जून-जुलाई 2026 तक पुनः सक्रिय करने की योजना है।
हादसे की पूरी कहानी
21 जुलाई 2024 को INS ब्रह्मपुत्र में अचानक आग लग गई थी। आग पर काबू पाने के लिए भारी मात्रा में पानी पंप किया गया, जिससे जहाज असंतुलित होकर झुक गया और पलट गया। इस हादसे में लीडिंग सीमैन सितेंद्र सिंह की दुखद मौत हो गई, जो मरम्मत कार्य में लगे थे। अन्य क्रू सदस्य समय रहते बाहर निकलने में सफल रहे।
मरम्मत कार्य जारी
वर्तमान में युद्धपोत को ड्राई डॉक में रखा गया है, जहां उसका ढांचा, प्रणोदन प्रणाली और बिजली उत्पादन व्यवस्था ठीक की जा रही है। उसके बाद हथियार प्रणाली, सेंसर और युद्ध उपकरणों की मरम्मत या प्रतिस्थापन किया जाएगा। युद्धपोत के कई क्रू सदस्य खुद भी इस कार्य में तकनीकी सहायता दे रहे हैं।
स्वदेशी निर्माण और गौरव
INS ब्रह्मपुत्र, 2000 में सेवा में आया एक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है, जिसे कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) ने निर्मित किया था। इसकी दोबारा सक्रियता भारत की आत्मनिर्भर नौसेना निर्माण नीति का एक अहम उदाहरण बन सकती है।