सरायपाली/ ग्राम पंचायत कोटेनदरहा के सरपंच, उपसरपंच, अध्यक्ष वन अधिकार समिति सहित अनेक ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्र के वन रक्षक के विरूद्ध कई प्रकार की शिकायतें करते हुए वन मंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल महासमुंद को ज्ञापन देकर उक्त वन रक्षक के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है।
ग्राम पंचायत कोटेनदरहा की सरपंच विमला दीवान, उप सरपंच सावित्री, अध्यक्ष वन अधिकार समिति पवन कुमार सिदार, ग्रामीणजन खीरसाय सिदार, मनीराम, डमरूधर पटेल, रोहिदास, रामकुमार पटेल, घुराऊ सिदार, बाबूलाल, अमृत सिदार, विद्याधर सिदार, रोहन सिदार, मीरा, निलांबर, अन्तो, जनकराम, जगरसिंह सिदार, जेनसिंग, मंशाराम सिदार, हीरालाल पटेल, मंथन, जगदीश विजय, टिकेश्वर सिदार, महेशराम बरिहा, रामधन सिदार, शिवप्रसाद, किरतन, खीरसागर, मधु आदि ने वन मंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल महासमुंद को दिये ज्ञापन में उल्लेख किया है कि वे ग्राम छिर्रालेवा वन परिसर रोहिना क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। बरसात के दिनों में गांव में कीचड़ एवं गड्ढा हो जाता है, जिससे गांव में बीमारी फैलने का डर रहता है। पूर्वजों से उनके गांव में पंचायत के द्वारा एक स्थान से मुरूम लेकर कीचड़ युक्त जगह को पाटा जाता है। छिर्रालेवा जंगल में दिनांक 20 जून 2025 को पंचायत के द्वारा उस जंगल से मुरूम ढुलाई करने के लिए गए थे। वन रक्षक श्रीमती जगबाई रत्नाकर के द्वारा उन्हें डरा धमकाकर उनसे 10 हजार रूपये लिया गया है, जबकि यह तरिया माथा जंगल राजस्व विभाग एवं वन विभाग में नहीं है। इसके अलावा अन्य शिकायत करते हुए उन्होंने लिखा है कि कक्ष क्रमांक 341, 340 में अवैध मकान बनाया गया है, उनसे भी राशि लिये जाने का संदेह है। कक्ष क्रमांक 340 में बाँस के पौधे को उखाड़कर उड़द, मूंग की खेती की गई है, जिससे वन रक्षक के द्वारा ड्यूटी में लापरवाही प्रतीत होती है। वहीं वन रक्षक द्वारा आज तक समितियों की बैठक भी नहीं रखी गई है, जिससे कई लोग तो उन्हें जानते भी नहीं हैं। अतः उपरोक्त समस्याओं को देखते हुए ग्रामीणों ने वन मंडलाधिकारी से वन रक्षक के खिलाफ उचित कार्यवाही करने तथा पंचायत को मुरूम ढुलाई के लिए आदेश जारी करने की मांग की है।