कवर्धा, छत्तीसगढ़:
शासकीय आचार्य पंथ गंध मुनि नाम साहेब स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कवर्धा में करोड़ों रुपये के गबन के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस ने आरोपी प्रमोद कुमार वर्मा (सहायक ग्रेड-2) को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल, पंकज पटेल एवं अनुविभागीय अधिकारी कृष्णा चंद्राकर के नेतृत्व में की गई।
मामला कैसे सामने आया?
महाविद्यालय प्रबंधन और जनभागीदारी समिति अध्यक्ष रिंकेश वैष्णव की शिकायत पर गबन की आशंका जताई गई थी। इस पर 30 नवंबर 2024 को थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक 728/2024, धारा 316(5) भादवि के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
प्रारंभिक जांच:
जनभागीदारी मद से ₹28,32,407 के गबन की पुष्टि।
उच्च शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट:
गबन की कुल राशि बढ़कर ₹1,22,59,125 प्रमाणित हुई।
इसके बाद एफआईआर में संशोधन कर जांच विस्तारित की गई।
प्रमुख वित्तीय अनियमितताएं:
- ₹1,13,28,570 की राशि बैंक या खजाने में जमा नहीं की गई।
- ₹24,81,805 स्ववित्तीय मद से कम जमा की गई।
- ₹2,20,000 बिजली बिल के नाम पर निकाले गए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
- ₹9,40,555 मोबाइल बिल, ऑडिटोरियम किराया व अन्य मदों में अनियमित उपयोग।
दस्तावेज़ों की हेराफेरी:
- आरोपी द्वारा महत्वपूर्ण लेखा दस्तावेज जानबूझकर छिपाए गए।
- कुछ दस्तावेज कॉलेज की अलमारी से तथा कुछ उसके निवास से जब्त किए गए।
- आरोपी ने स्वयं स्वीकार किया कि उसने कॉलेज के कुछ रिकॉर्ड अपने घर पर रखे थे।
प्रशासनिक कार्रवाई:
आरोपी को पूर्व में ही शासन द्वारा निलंबित किया जा चुका है।
अब अपराध प्रमाणित होने के बाद विधिसम्मत गिरफ्तारी कर न्यायालय में पेश किया गया।
आगे की जांच जारी:
गबन से जुड़े अन्य व्यक्तियों की भूमिका तथा शेष राशि के संबंध में विवेचना अभी भी जारी है।
टीम की भूमिका:
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी लालजी सिन्हा, साइबर सेल प्रभारी मनीष मिश्रा, उप निरीक्षक त्रिलोक प्रधान, रजनीकांत दीवान, सहायक उप निरीक्षक शसंजीव तिवारी, राजकुमार चंद्रवंशी, बंदे सिंह मरावी, प्रधान आरक्षक वैभव कलचुरी, आरक्षक पवन राजपुर और सैनिक अनिल पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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