रायपुर। रक्षाबंधन 2025 को लेकर इस बार कुछ बेहद खास होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के प्रेम का उत्सव नहीं बल्कि एक दुर्लभ और शक्तिशाली ज्योतिषीय संयोग का दिन भी होगा। बताया जा रहा है कि ऐसा महासंयोग पूरे 95 साल बाद, यानी 1930 के बाद पहली बार बन रहा है।
इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा। यह दिन सावन की पूर्णिमा, श्रवण नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग के अद्भुत मेल के कारण विशेष बन गया है।
🌟 क्या है इस बार का महासंयोग?
श्रवण नक्षत्र: रिश्तों को मजबूत करने वाला नक्षत्र माना जाता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: इसे सभी कार्यों की सिद्धि के लिए श्रेष्ठ योग माना जाता है।
सौभाग्य योग: जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला योग है।
ये तीनों योग जब एक साथ आते हैं, तो वह दिन अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। पंडितों के अनुसार, इस दिन राखी बांधने और शुभ कार्य करने से कई गुना अधिक सकारात्मक फल मिलने की संभावना होती है।
🕖 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:21 से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा।
ध्यान दें: इससे पहले भद्राकाल रहेगा जिसे अशुभ माना जाता है, इसलिए शुभ कार्य दोपहर 1:24 बजे तक कर लेने चाहिए।
🧘♀️ ग्रह दोष से मुक्ति का विशेष अवसर
ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में ग्रहों की बाधाएं हैं, वे इस दिन विशेष पूजा, रक्षा सूत्र मंत्र जाप, और दान-पुण्य के माध्यम से नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।
🙏 निष्कर्ष
इस बार का रक्षाबंधन केवल एक पारंपरिक त्योहार नहीं, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यदि आप इस दिन को सही मुहूर्त में और श्रद्धा से मनाते हैं, तो यह आपके जीवन में सौभाग्य, सुरक्षा और समृद्धि लेकर आएगा।
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