तोषगांव सतपथी परिवार की दुर्लभ तस्वीर का हुआ सार्वजनिक विमोचन।

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तोषगांव / सतपथी परिवार की 1935 की दुर्लभ और ऐतिहासिक तस्वीर को सार्वजनिक रूप से साझा किया गया है। यह तस्वीर उस दौर की है जब तोषगांव में सतपथी परिवार द्वारा नवाखाई मिलन सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस तस्वीर में बाल्यकाल में फुलझर स्टेट के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी पंडित जयदेव सतपति तथा उनके तीनों भाई वासुदेव, रामकृष्ण और सुखदेव मौजूद हैं। उस समय फोटो खींचने के लिए लोग घूमने वाले कैमरे का उपयोग करते थे, जिन्हें प्रायः बॉक्स कैमरा या रोल फिल्म कैमरा कहा जाता था। ब्रिटिश सरकार द्वारा कृषि जनगणना, स्वास्थ्य और ग्रामीण जीवन की स्थिति रिकॉर्ड करने के लिए भी कुछ फोटोग्राफरों को नियुक्त किया गया था। यही कारण है कि ग्रामीण भारत की जीवनशैली, खेती और हस्तशिल्प से जुड़े कुछ दृश्य दुर्लभ फोटोग्राफी के रूप में संरक्षित हो पाए। इस तस्वीर में पंडित विद्या चरण सतपति के दादा गदाधर सतपथी तथा पिता पंडित जयदेव सतपथी (बाल्यावस्था में) भी सम्मिलित हैं। इसे सतपथी परिवार का अब तक का सबसे पुराना फोटोग्राफिक रिकॉर्ड माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसी परिवार से आज “आधार गाइड” के परदादा एवं सरायपाली मीडिया प्रभारी श्री सौरभ सतपथी के अपरदादा भी इस तस्वीर में मौजूद हैं।

नवाखाई मिलन सम्मेलन की परंपरा सतपथी परिवार में आज भी लगातार जारी है। 90 वर्षों बाद भी यह कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित होता आ रहा है। साझा किए गए दूसरे चित्र में वर्ष 2024 के परिवार मिलन का दृश्य है। हालांकि इस बार 2025 के नवाखाई मिलन समारोह में परिवार एक गहरे दुख से गुजर रहा है। परिवार के प्रिय सदस्य, “आधार गाइड” के पिता एवं सतपथी टाइपिंग के संरक्षक, स्वर्गीय प्रदीप सतपथी का जनवरी माह में आकस्मिक निधन हो गया। उनके न रहने से इस वर्ष के नवाखाई मिलन में उनकी कमी गहराई से महसूस की जाएगी।

सतपथी परिवार ने इस ऐतिहासिक तस्वीर को साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए न केवल गौरव का विषय है बल्कि अपने पूर्वजों की स्मृतियों को जींवत रखने का एक अमूल्य अवसर भी है।

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