वाशिंगटन/नई दिल्ली।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ दिया है। 6 अगस्त को ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर पहले से लगे टैरिफ के अलावा अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। यह कदम अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में और खटास पैदा कर सकता है।
इससे पहले भी अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25% टैरिफ और पेनल्टी लगाई थी। इस ताज़ा फैसले के साथ अब भारत से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर कुल 50 फीसदी शुल्क वसूला जाएगा। ट्रंप प्रशासन का यह दावा है कि अमेरिका को भारत के साथ व्यापार में घाटा हो रहा है और इस असंतुलन को दूर करने के लिए यह कदम ज़रूरी है।
क्या है वजह?
ट्रंप ने बार-बार यह आरोप लगाया है कि भारत अमेरिकी सामानों पर भारी शुल्क लगाता है, जबकि भारतीय सामानों को अमेरिका में तुलनात्मक रूप से कम शुल्क देना पड़ता है। उनका मानना है कि यह असमानता “America First” नीति के खिलाफ है।
भारत की प्रतिक्रिया?
भारतीय सरकार ने अभी तक इस नए टैरिफ एलान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ेगा, खासकर उन उद्योगों पर जो अमेरिका के बाजार पर निर्भर हैं – जैसे टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, और आईटी हार्डवेयर।
असर क्या होगा?
- भारतीय उत्पाद महंगे होंगे, जिससे उनकी मांग अमेरिका में कम हो सकती है।
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में रुकावट आ सकती है।
- भारतीय उद्योगों को नुकसान और संभावित रोज़गार संकट का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि वह अमेरिकी कंपनियों को समर्थन देने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।
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