सरायपाली – डंगनिया जाने के मार्ग पर पुलिया निर्माण के लिए बनाया था डायवर्सन पुल बनने के बाद भी डायवर्सन नहीं हटाया, खेत डबरी के रूप में तब्दील

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सरायपाली. सरायपाली से सारंगढ़ रोड से डंगनिया जाने के मार्ग पर कुछ वर्ष पूर्व पुलिया निर्माण के लिए बनाया गया डायवर्सन रोड ठेकेदार की लापरवाही के कारण आज भी नहीं हटाया गया है। इसके परिणामस्वरूप पांच किसानों के लगभग 4 से 5 एकड़ खेतों में 2 से 3 फीट पानी लगातार 3 4 दिनों तक भरा रहा। जिससे खेत तालाब में तब्दील हो गए।

इस जलभराव के कारण खेतों में लगाई गई धान की फसल पूरी तरह डूबकर सड़ गई और नष्ट हो गई। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रभावित किसानों को अब खेतों में दोबारा धान की बोआई या रोपाई करनी होगी। जिससे उनकी लागत और नुकसान में और इजाफा होगा। प्रभावित किसानों में डंगनिया निवासी कृपाराम पटेल, सेवक राम पटेल, केशव पिता सोमनाथ, टेक लाल पिता भोगीलाल और दुष्यंत पिता भोगीलाल ने बताया कि निर्माण विभाग के ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों से हर बार भारी बारिश के दौरान उनके खेतों से पानी की निकासी नहीं हो पाती। जिसके कारण खेत जलमग्न हो जाते हैं। इस स्थिति में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। किसानों का कहना है कि एक ही सीजन में दो बार खेती करने की मजबूरी ने उनकी आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर दिया है। डायवर्सन रोड, जो वैकल्पिक मार्ग के रूप में बनाया गया था। अब उनके लिए सिरदर्द बन चुका है। किसानों ने बताया कि नया पुल बनने के बाद भी डायवर्सन रोड को नहीं हटाया गया। जिसके कारण खेतों से पानी की निकासी रुक गई है। इससे उनके खेतों में तालाब जैसी स्थिति बन रही है। ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों से मांग की है कि डायवर्सन रोड को तत्काल हटाया जाए, ताकि भविष्य में जलभराव की समस्या से बचा जा सके और उनकी आर्थिक क्षति को कम किया जा सके। यदि वर्षा ऋतु से पहले डायवर्सन रोड हटा दिया गया होता तो यह नुकसान टाला जा सकता था। स्थानीय निवासियों ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि उदासीनता और प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को बार-बार नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस समस्या का त्वरित समाधान किया जाए और भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न होए इसके लिए उचित कदम उठाए जाएं। किसानों ने यह भी बताया कि पानी भरे रहने से मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है, जो भविष्य में खेती के लिए और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है।

कार्रवाई की मांग

ठेकेदार की इस लापरवाही के खिलाफ किसानों ने जल्द कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। न केवल ठेकेदार की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि परियोजनाओं के प्रबंधन में कमी को भी दर्शाता है।

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