बीएमओ डॉ. जांगड़े के स्थानांतरण से सरायपाली वासी चिंतित अनुभवी चिकित्सक के न होने से चिकित्सा व्यवस्था हो सकती है प्रभावित

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खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ एच एल जांगड़े का बिलासपुर स्थानांतरण हो जाने एवं यहाँ किसी अन्य चिकित्सक की पदस्थापना उनके स्थान पर न होने के कारण सरायपाली में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना है। शासन के द्वारा सरायपाली में चिकित्सा सुविधा के नाम पर एक बड़ा सा भवन तो बना दिया गया है, लेकन कभी भी यहाँ पर्याप्त चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में एक बार फिर से प्रमुख चिकित्सक के स्थानांतरण से यहाँ भी व्यवस्था चरमराने की संभावना है। ज्ञात हो पूर्व में भी डॉ जांगड़े को सरायपाली बीएमओ का प्रभार दिया गया था, जिसके कुछ ही समय के बाद उनका स्थानांतरण हो गया था। इसी तरह उनके पुनः बीएमओ का प्रभार लेने के कुछ ही दिनों के भीतर उनका एक बार फिर से स्थानांतरण हो जाने पर सरायपाली क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही है। आखिर ऐसा क्या हो जाता है कि डॉ. जांगड़े के बीएमओ बनने के बाद जल्द ही उनका स्थानांतरण हो जाता है।

डॉ जांगड़े सरायपाली में कई स्वास्थ्य सुविधाओं को अंजाम देते थे, जिसमें पुरूष नसबंदी, हाईड्रोसिल का ऑपरेशन आदि उनके द्वारा प्रमुख रूप से किये जा रहे थे। अब इसके लिए लोगों को निजी चिकित्सालयों में जाकर अधिक खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा डॉ जांगड़े के चिकित्सा व्यवस्था व उनके व्यवहार से सरायपाली क्षेत्र के लोग प्रसन्न थे। कभी किसी को आपात स्थिति में यदि रात्रि के समय में भी अस्पताल जाने की आवश्यकता होती, तो डॉ जांगड़े की टीम स्वास्थ्य सेवा के लिए हमेशा तैयार होती थी। परंतु अब शासन के द्वारा उनका स्थानांतरण किया गया है, लेकिन किसी अन्य वरिष्ठ या अनुभवी चिकित्सक की यहाँ पदस्थापना नहीं की गई है। इससे सरायपाली वासी चिंतित हैं और यहाँ के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों के द्वारा शासन से डॉ जांगड़े को पूर्व की तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली में ही सेवाएं देने की अनुमति प्रदान किये जाने की मांग की जा रही है।

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