“अधिकारीयो संरक्षण में शराब का सिंडिकेट?” गोबरा नवापारा शराब दुकान के ही दो कर्मचारी अवैध शराब के साथ पकड़े गए, अफसरों पर भी जांच की मांग तेज!

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रायपुर | 11 जून 2025 | CG दस्तक इन्वेस्टिगेशन डेस्क

रायपुर जिले के गोबरा नवापारा थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग की साख और कार्यप्रणाली को कठघरे में ला खड़ा किया है। गोबरा नवापारा पुलिस ने अवैध रूप से शराब ले जा रहे गोबरा नवपारा शराब दुकान के दो कर्मचारियों — मनोज टंडन (सुपरवाइजर) और लखेंद्र सोनवानी (कर्मचारी) — को एक कार सहित गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 144 पाव देशी शराब जब्त की गई है।

🚗 पुलिस ने मारा छापा, 144 पाव शराब जब्त

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सोनेसिली रोड स्थित राइस मिल के पास एक नीली वैगनआर कार में शराब की तस्करी हो रही है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने घेराबंदी कर तलाशी ली और 144 पाव देशी शराब के साथ दोनों विभागीय कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ धारा 34(2) छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

🔎 क्या यह पहली बार हुआ है? नहीं!

आबकारी विभाग की दुकान प्रभारी नीलम स्वर्णकार पर पहले भी गंभीर सवाल उठ चुके हैं।

वह पूर्व में धरसिवा सर्किल की प्रभारी रह चुकी हैं।

उसी दौरान कुर्रा स्थित विदेशी मदिरा दुकान में ओवररेटिंग का गंभीर मामला सामने आया था।

जांच के बाद पूरे स्टाफ को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया और नीलम स्वर्णकार का ट्रांसफर आनन-फानन में अभनपुर सर्किल कर दिया गया था।

अब फिर से उन्हीं के कार्यक्षेत्र में  अवैध शराब परिवहन करते हुए शराब दुकान के सुपरवाइजर की गिरफ्तारी, कहीं न कहीं “संरक्षण की संभावना” को और भी पुख्ता करती है।

📵 प्रभारी से संपर्क की कोशिश नाकाम

जब मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए हमने प्रभारी नीलम स्वर्णकार से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे संदेह और गहराता है कि कहीं कुछ छुपाने की कोशिश तो नहीं हो रही?

📞 कॉल रिकॉर्डिंग की जांच क्यों ज़रूरी है?

अब यह मांग उठ रही है कि —

👉 गिरफ्तार कर्मचारियों और उनके वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई कॉल रिकॉर्डिंग और चैट्स की गहन जांच होनी चाहिए।

👉 क्योंकि बिना ऊपर से संरक्षण मिले, इतने बड़े स्तर पर अवैध शराब तस्करी संभव नहीं है।

एक पैटर्न बनता जा रहा है…

  • अधिकारी बदलते हैं, कर्मचारी बदलते हैं,
  • लेकिन सिंडिकेट और पैटर्न वही रहता है!
  • क्या शराब दुकानें सिर्फ़ बिक्री का ठिकाना हैं, या कालाबाज़ारी का केंद्र बन चुकी हैं?

यह तो बस शुरुआत है!

नवापारा क्षेत्र की अन्य शराब दुकानों में भी अनियमितताओं और गोरखधंधे की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।

🟥 CG Dastak इन्वेस्टिगेशन टीम को मिले इनपुट के अनुसार —

“जल्द ही नवापारा क्षेत्र की अन्य शराब दुकानों में भी अवैध गतिविधियों और विभागीय संरक्षण की परतें एक-एक कर खोली जाएंगी।”

“यह कोई इक्का-दुक्का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित तंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है।”

🧨 जनता और पत्रकारों की सीधी मांग:

 “जांच केवल पकड़े गए कर्मचारियों तक सीमित न हो — अफसरों की भूमिका की भी हो निष्पक्ष जांच। कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDR), ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और CCTV फुटेज की भी गहराई से जांच हो।”

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