हल्दीमुंडा परियोजना : 49 साल पहले स्वीकृत योजना की लागत 29 लाख से बढ़कर हुई 79 करोड़, सीएम साय ने जताई नाराज़गी

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नाराज़ सीएम साय ने कहा, “अगर काम पूरा नहीं हो रहा है तो परियोजना के लिए खोदे गए गड्ढे समतल करवाकर किसानों को उनकी जमीन वापस सौंप दें।”

रायपुर। जशपुर जिले की हल्दीमुंडा सिंचाई परियोजना, जो 49 साल पहले स्वीकृत हुई थी, आज भी अधूरी है और इसकी लागत 29.66 लाख रुपए से बढ़कर 78.92 करोड़ रुपए तक पहुँच गई है। इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समीक्षा बैठक के दौरान कड़ा रुख अपनाया, जिससे बैठक में मौजूद अधिकारी सकते में आ गए।

सीएम के गृह जिले की अधूरी योजना

हल्दीमुंडा परियोजना जशपुर जिले में है, जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है। यह योजना 20 अक्टूबर 1976 को स्वीकृत हुई थी, जिसका लक्ष्य 2840 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित करना था।

जमीन ली गई, पर काम अधूरा

परियोजना शुरू होने पर किसानों से जमीन अधिग्रहीत की गई थी, लेकिन योजना अब तक पूरी नहीं हो पाई। इससे किसानों को न तो सिंचाई का लाभ मिला और न ही खेती हो सकी।

लागत में भारी बढ़ोतरी

1976 में योजना की लागत 29.66 लाख रुपए थी, जो बढ़कर 78.92 करोड़ हो गई है। अधिकारियों ने इसे पूरा करने के लिए बैठक में 53 करोड़ रुपए की और मांग की।

सीएम का सख्त निर्देश

अधिकारियों के रवैये से नाराज़ सीएम साय ने कहा, “अगर काम पूरा नहीं हो रहा है तो परियोजना के लिए खोदे गए गड्ढे समतल करवाकर किसानों को उनकी जमीन वापस सौंप दें।”

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