शासकीय उच्च प्राथमिक शाला रिमजी, संकुल- सिंघोड़ा में विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रकाशचंद्र मांझी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी.एन.दीवान एवं विकासखंड स्रोत केंद्र समन्वयक सतीस स्वरूप पटेल के मार्गदर्शन से व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से दिनांक 11/07/2025 को एक शैक्षणिक अध्ययन भ्रमण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानपाठक ओम प्रकाश साव एवं शिक्षक कमल नारायण भोई के नेतृत्व में विद्यार्थियों को ग्राम के समीप स्थित चौराहा के समीप हाट-बाजार में ले जाया गया।
इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन के व्यापारिक वातावरण से जोड़ना और उनकी गणितीय, आर्थिक एवं सामाजिक समझ को सुदृढ़ करना था। बच्चों ने हाट-बाजार में चल रही खरीद-बिक्री, वस्तुओं का संग्रहण, मूल्य निर्धारण, नफा-नुकसान की गणना, तथा आयात-निर्यात जैसी गतिविधियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
बच्चों ने सीखा कि किस प्रकार व्यापारी वस्तुओं की लागत, परिवहन खर्च और लाभ जोड़कर वस्तु का मूल्य तय करते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के तुला (तराजू, बाट आदि), डिजिटल तुला का प्रयोग भी देखा, जिससे उन्हें मापन की शुद्धता का महत्व समझ में आया।
बाजार में वस्तुओं की सुरक्षा, उनकी संग्रहण विधियाँ, ग्राहक सेवा की शैली, और वस्तु विनिमय एवं मुद्रा आधारित लेन-देन की बारीकियों को बच्चों ने नजदीक से जाना। साथ ही, उन्होंने व्यापारियों से जिज्ञासावश अनेक प्रश्न पूछे, जैसे—वस्तुएँ कहाँ से लाते हैं, कितने में बेचते हैं, क्या-कैसे नुकसान होता है, और पर्यावरण का व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ता है। व्यापारियों ने भी बच्चों के प्रश्नों का उत्तर आत्मीयता से दिया।
इस दौरान विद्यार्थियों ने वर्तमान और पूर्व काल के मूल्य की तुलना कर मूल्यवृद्धि (अधिमूल्यन) और मूल्यह्रास (अवमूल्यन) की अवधारणाओं को भी समझा, जो उन्हें गणित एवं सामाजिक विज्ञान में व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करता है।
इस अध्ययन भ्रमण ने विद्यार्थियों को व्यवसायिक, गणितीय एवं सामाजिक पहलुओं से रूबरू करवाया। उन्हें यह अनुभव न केवल कक्षा के बाहर की शिक्षा का ज्ञान देने वाला रहा, बल्कि उनके तार्किक सोच, संवाद कौशल और पर्यावरणीय जागरूकता को भी मजबूत करने वाला सिद्ध हुआ।
इसी तरह से व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत छात्रों को प्रत्येक माह आसपास स्थित व्यावसायिक क्षेत्र ईट भट्टी, हथकरघा वस्त्र उद्योग, भवन निर्माण, सब्जी की खेती, चिकित्सालय में व्यावहारिक ज्ञान हेतु परिभ्रमण कराया जाता है, जिसमें शाला प्रबंधन समिति एवं पालकों का भी विशेष सहयोग प्राप्त होता है।
विद्यालय परिवार एवं शिक्षकगण और साथ ही साथ ग्रामीण लोकजन व व्यापारिक गणों ने भी इस शैक्षणिक प्रयास की जमकर सराहना की तथा भविष्य में इस प्रकार के और व्यावहारिक कार्यक्रमों की योजना बनाने की बात कही।