सरायपाली. सरायपाली से रायपुर के लिए रात्रि कालीन बसों में सफर करना यात्रियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बस परिचालकों की मनमानी के चलते यात्री परेशान हैं। सीट का लालच देकर सवारियों को बस में चढ़ाया जाता है।
फिर सीट व टिकट न देकर उन्हें भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर खड़ा किया जाता है। यात्री पूरे सफर में खड़े रहने को मजबूर होते हैं। फिर भी उनसे पूरी टिकट की कीमत वसूली जाती है। सरायपाली से रायपुर के लिए नॉन स्टॉप बस का टिकट 250 है लेकिन रात्रि में परिचालक बिना टिकट दिए 300 वसूलते हैं। इस मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग यात्रियों ने उठाई है। रात्रि कालीन बसें रांची, कुनकुरी, रायगढ़, ओडिशा, झारखंड, कटक, भुवनेश्वर आदि से रायपुर के लिए सरायपाली होकर गुजरती हैं। ये बसें मुख्य रूप से उन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो समय पर ऑफिस पहुंचना चाहते हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए सफर करते हैं। लेकिन, परिचालक इस जरूरत का गलत फायदा उठाते हैं। बिना सीट दिए और बिना टिकट के 300 वसूलकर यात्रियों को खड़े-खड़े रायपुर तक ले जाया जाता है। खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान यह समस्या और बढ़ जाती है। पिछले दिनों 27 जुलाई को आबकारी आरक्षक, 3 अगस्त को प्रयोगशाला परिचालक और 4 अगस्त को बैंक की परीक्षा के लिए कई परीक्षार्थी रात्रि कालीन बसों में सवार हुए। कुछ परीक्षार्थियों ने बताया कि दिन में नॉन स्टॉप एसी बस का टिकट 250 और नॉन एसी का 200 है, लेकिन रात में परिचालक बिना टिकट 300 लेते हैं। 27 जुलाई को कुछ परीक्षार्थियों ने इस मनमानी का विरोध किया तो परिचालक ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि जो बस 250 में जाती हैउसी में बैठो या उतर जाओ। मजबूरी में यात्रियों को 300 देकर खड़े-खड़े सफर करना पड़ा। प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान यह समस्या और गंभीर हो जाती है। हर महीने 3-4 दिन परीक्षाएं होती है और इस दौरान बड़ी संख्या में परीक्षार्थी रात्रि कालीन बसों का सहारा लेते हैं। सड़क किनारे खड़े होकर बस का इंतजार करने वाले परीक्षार्थियों को सीट का लालच देकर बस में चढ़ाया जाता है, लेकिन सीट नहीं दी जाती। परिचालक इस मौके का फायदा उठाकर अधिक सवारी बिठाते हैं और तय किराए से ज्यादा वसूलते हैं।
यात्रियों को नहीं मिल रहा आरामदायक सफर
रात्रि कालीन बसों का उपयोग कभी-कभी अवैध गतिविधियों के लिए भी होता है। एक घटना में पटेया के पास एक बस से पुलिस ने 5 किलो गांजा बरामद किया था। यह गांजा एक लावारिस बैग में मिला और चालक-परिचालक बैग के मालिक की पुष्टि नहीं कर सके। यात्री इस मनमानी और अव्यवस्था पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन बस परिचालकों की मनमानी पर सख्ती करे, किराए का नियमन हो और यात्रियों को सुरक्षित व आरामदायक सफर मिले। प्रशासन और परिवहन विभाग से ठोस कदम उठाने की अपील की जा रही है, ताकि यात्रियों को परेशानियों से न जूझना पड़े।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बसों में जगह ना होने के बावजूद भी जबरदस्ती लोगों को भरा जा रहा है जिससे लोगों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण लोगों को काफी गर्मी लगती है साथ ही बताया कि तय कीमत से ज्यादा पैसा लिया जाता है जैसे 250 किमत है तो 300 लिया जाता है लेकिन बैठने को सिट नहीं मिलती है।