सरगुजा, छत्तीसगढ़ | 04 जून 2025
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए एक शौचालय की डिजाइन ने सबको चौंका दिया है। लखनपुर जनपद के बेलदगी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम अलगा बेंदोपानी में बने इस सरकारी शौचालय में एक नहीं, दो टॉयलेट सीटें अगल-बगल लगाई गई हैं।
जी हां, आपने सही पढ़ा — एक ही कक्ष में दो सीट, बिल्कुल जुड़वां स्टाइल में! शायद ठेकेदार और अधिकारियों की ये “तकनीकी सोच” थी कि जब लोग साथ बैठेंगे तो एक-दूसरे को देखकर स्वच्छता की प्रेरणा मिलेगी, और वक्त की भी बचत होगी।
टॉयलेट बना पर इस्तेमाल नहीं हुआ!
इस विचित्र निर्माण पर ₹24,000 का खर्च बताया गया है, लेकिन हकीकत ये है कि गांव में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। टॉयलेट के पास ना कोई दरवाज़ा है, ना ही पानी की सुविधा। गाँव वालों के मुताबिक, “ये शौचालय तो मज़ाक है, इसमें बैठना तो दूर, कोई झाँकने भी नहीं जाता।”
नोटिसबाज़ी शुरू, लेकिन कार्रवाई कब?
जैसे ही ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिला पंचायत CEO ने संबंधित ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और ग्राम सचिव को नोटिस जारी कर दिया। लेकिन अब तक किसी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। सवाल ये है कि क्या सिर्फ नोटिस जारी कर देने से सरकारी योजनाओं की बदनामी रुक जाएगी?
प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को ऐसे मज़ाक में बदल देना केवल लापरवाही नहीं, बल्कि जनभावनाओं और टैक्सपेयर के पैसों की खुली बर्बादी है।