बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध करेगी कांग्रेस, प्रदेशभर में होगा प्रदर्शन, दीपक बैज ने कहा – जनता की जेब में डकैती कर रही सरकार, डेढ़ साल में चौथी बार बढ़ाए बिजली के दाम

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रायपुर. बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस चरणबद्ध आंदोलन कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी में जुट गई है. आज कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया. बैज ने कहा कि बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर ब्लॉक से जिला स्तर तक प्रदर्शन किया जाएगा.

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बैज ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर लूटने का काम भाजपा सरकार ने किया है. घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है. सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. छत्तीसगढ़ के किसान इस सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चलते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान हैं, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढ़ाकर सरकार किसानों की कमर तोड़ रही है. दीपक बैज ने बताया, बिजली दरों में वृद्धि को लेकर 15 से 17 जुलाई तक प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 22 जुलाई को जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन कर बिजली दफ्तरों का घेराव किया जाएगा. इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता सभी जिलों में प्रेस वार्ता भी करेंगे.

प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा, इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की. 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे की दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमन सिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव चुनावी वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटाकर 6 रुपया 20 पैसे किया गया. पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखें तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था.

छत्तीसगढ़ में घरेलू बिजली की दर में वृद्धि निम्नानुसार हुई

साल बिजली की दर

2003-04 3.30

2017-18 6.40 (+3.10)

(रमन सरकार में कुल वृद्धि 3 रुपए 10 पैसे अर्थात 94 प्रतिशत)

2018-19 6.20

2019-20 5.93 (-27)

2020-21 5.93 (0)

2021-22 6.08 (+15)

2022-23 6.22 (+12)

2023-24 6.22 (0)

(कांग्रेस सरकार के 5 साल में कुल वृद्धि मात्र .02 रुपए या 2 पैसे अर्थात केवल 0.32 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई)

2023-24 6.22

वर्तमान में 7.02 (+.80)

(भाजपा की वर्तमान साय सरकार के डेढ़ साल में कुल वृद्धि 80 पैसे अर्थात 13 प्रतिशत बढ़ोत्तरी)

कांग्रेस सरकार में बिजली बिल हॉफ योजना से लोगों को मिली थी राहत’

दीकप बैज ने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल हॉफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड रुपए का सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी. किसानों को 5 एचपी तक निशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई. अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाया. भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेशभर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढ़ने लगी है. कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है.

नुकसाइ की भरपाई जनता से कर रही सरकार’

उन्होंने कहा, भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे, कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहे. सरकारी उपक्रमों और सरकार के चहेतों का करोड़ों का बिजली बिल का भुगतान लंबित है, उसकी वसूली भी सरकार जनता से कर रही है. सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस के मामले बढ़े हैं, जिसके चलते हो रहे नुकसान की भरपाई भी सरकार जनता से वसूली करके करना चाहती है. बैज ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवरप्लांट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है. डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है, जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है.

पत्रकारवार्ता में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व महापौर एजाज ढेबर, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, नितिन भंसाली, अजय गंगवानी, सत्यप्रकाश सिंह, पूर्णचंद पाढ़ी, सौरभ साहू, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे.

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