नदी किनारे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और अवैध रेत खनन से खतरे में पर्यावरण! पाटन ब्लॉक के घुघवा गाँव में शिशम जैसे बेसकीमती पेड़ों पर लकड़ी माफिया की नजर

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📍 रायपुर/दुर्ग (विशेष रिपोर्ट, CG Dastak)

राजधानी रायपुर से सटे दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के ग्राम घुघवा (खुड़मुड़ा) में पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन रही एक अवैध गतिविधि सामने आई है। यहां नदी किनारे की सरकारी ज़मीन पर शिशम जैसे कीमती इमारती पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। अब तक 100 से अधिक पेड़ों को लकड़ी माफिया द्वारा काटा जा चुका है, और यदि समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो पूरा जंगल साफ हो जाने का खतरा है।

🌳 पेड़ कटने से बढ़ेगा भूक्षरण और बाढ़ का खतरा

नदी के तट पर लगे पेड़ जलधारा को नियंत्रित करते हैं और मिट्टी को पकड़े रखते हैं। इन पेड़ों की कटाई से नदी का कटाव (Erosion) तेज हो रहा है, जिससे बरसात के मौसम में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। आसपास की खेती और ग्रामीण बस्तियां भी खतरे में आ सकती हैं।

🪵 लकड़ी माफिया की सुनियोजित साजिश

शिशम और अन्य कीमती पेड़ों की कटाई किसी छोटे-मोटे गिरोह का काम नहीं, बल्कि यह एक सुनियोजित लकड़ी माफिया नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होता है। पेड़ों को रात के अंधेरे में काटा जाता है, और धीरे-धीरे ट्रैक्टर या छोटे वाहनों से बाहर भेज दिया जाता है।

🏞️ अवैध रेत खनन भी नदी को बना रहा कमजोर

इसी नदी में पहले अवैध रेत खनन भी बड़े पैमाने पर किया गया है। रेत खनन के कारण नदी की प्राकृतिक गहराई और प्रवाह गड़बड़ा गया है। फिलहाल बारिश के चलते यह खनन बंद है, लेकिन पानी कम होते ही फिर से शुरू होने की आशंका बनी हुई है।

⚠️ पर्यावरण और जीवन दोनों पर संकट

पेड़ों की कटाई और अवैध रेत खनन से न केवल पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि स्थानीय जीवन और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। यदि इन पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।

📣 CG Dastak की अपील

CG Dastak प्रशासन से मांग करता है कि:

  • शिशम और अन्य पेड़ों की कटाई तुरंत रोकी जाए।
  • अवैध रेत खनन पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाए।
  • पूरे क्षेत्र का सर्वे कर जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
  • वन और राजस्व विभाग संयुक्त कार्रवाई करें।

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