रायपुर 11 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब इस मुद्दे ने एक बार फिर सियासी गरमी बढ़ा दी है। धर्मांतरण निषेध कानून को लेकर चर्चाओं के बीच मानसून सत्र में विधेयक पेश न किए जाने की घोषणा ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है।
मानसून सत्र में नहीं आएगा धर्मांतरण कानून
राज्य सरकार की ओर से पहले यह संकेत दिया गया था कि विधानसभा के मानसून सत्र में धर्मांतरण पर सख्त कानून लाया जाएगा। खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा भी कई बार इसकी घोषणा कर चुके थे। लेकिन अब सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि यह कानून इस सत्र में नहीं लाया जाएगा।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने क्या कहा?
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया, “धर्मांतरण निषेध विधेयक का प्रारूप तैयार है, लेकिन कुछ विभागीय चर्चाएं बाकी हैं, इसलिए यह विधेयक अगले सत्र में लाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार इस पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
इस फैसले के बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “भाजपा सिर्फ धर्मांतरण के नाम पर राजनीति कर रही है, कोई कानून लाने वाली नहीं है। जनता को गुमराह किया जा रहा है।”
क्या बोले दीपक बैज?
“भाजपा केवल धर्मांतरण की आड़ में वोटबैंक की राजनीति कर रही है। अगर कानून लाना ही था तो अब तक क्यों नहीं लाया गया? यह सब सिर्फ दिखावा है।” — दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
राजनीति गरम, इंतजार बरकरार
एक तरफ भाजपा का दावा है कि वह कठोर कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार सिर्फ भावनात्मक मुद्दों पर जनता को भटका रही है। ऐसे में धर्मांतरण को लेकर जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच बहस और बेचैनी दोनों बढ़ गई है।