मनेंद्रगढ़, 4 जून 2025।
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले अंतर्गत मनेंद्रगढ़ वनमंडल के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र में वन्यजीव तस्करी के एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। शहडोल (मध्यप्रदेश) और जनकपुर (छत्तीसगढ़) वन विभाग की संयुक्त टीम ने दो शिकारियों को तेंदुए की खाल और मूंछ के साथ गिरफ्तार किया है।
मध्यप्रदेश में खाल की तस्करी, छत्तीसगढ़ में शिकार
शहडोल वन विभाग को पहले से सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति तेंदुए की खाल बेचने की फिराक में घूम रहे हैं। सूचना मिलते ही शहडोल टीम सक्रिय हुई और जनकपुर रेंजर चरणकेश्वर सिंह के नेतृत्व में मनेंद्रगढ़ वनमंडल से संपर्क किया गया। तत्परता दिखाते हुए संयुक्त विशेष टीम गठित कर कुंवारपुर वन परिक्षेत्र के सगरा और गिरवानी गांवों में मंगलवार सुबह 11:30 बजे से छापेमारी शुरू की गई, जो कई घंटों तक चली।
मिट्टी में दबी मिली खाल, घर से बरामद हुई मूंछ
गिरवानी गांव निवासी रामनरेश उर्फ लटकू के घर के पास बने गड्ढे से तेंदुए की खाल बरामद की गई, जिसे उसने मिट्टी में दबाकर छिपा रखा था। खाल की स्थिति से अंदाजा लगाया गया कि यह शिकार हाल ही में हुआ है। वहीं सगरा गांव निवासी रामप्रसाद उर्फ लालजी के घर से तेंदुए की मूंछ मिली, जिसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। आरोपियों से शिकार में उपयोग की गई अन्य सामग्री भी जब्त की गई है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
जनकपुर परिक्षेत्र के रेंजर चरणकेश्वर सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। यह कार्रवाई शहडोल और जनकपुर वन विभाग की संवेदनशीलता, सतर्कता और समन्वय का परिणाम है। इस मामले ने क्षेत्र में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।