रायपुर | 7 जुलाई 2025 | CG Dastak विशेष रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार को लेकर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा सामने आया है। शासकीय शराब दुकानों में बिना ड्यूटी पेड शराब बेचने के मामले में Economic Offences Wing (EOW) और Anti-Corruption Bureau (ACB) की संयुक्त जांच में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जांच एजेंसियों ने इस मामले में 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय रायपुर में पूरक अभियोग पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया है।
इन अधिकारियों पर करीब 2174 करोड़ रुपये की अवैध शराब बिक्री का आरोप है। इनमें से कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तो कुछ अब भी पदस्थ हैं। सभी को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोई भी अदालत में उपस्थित नहीं हुआ।
🔍 क्या है पूरा मामला?
जांच एजेंसियों ने बताया कि वर्ष 2019 से 2023 के बीच, छत्तीसगढ़ के 15 बड़े जिलों में सरकारी शराब दुकानों में वैध शराब के समानांतर “बी-पार्ट” शराब नाम से बिना ड्यूटी की शराब बेची गई।
इन जिलों में देशी शराब की खपत अधिक थी, जिसे देखते हुए आबकारी सिंडीकेट ने डिस्टलरी से सीधे अधिक बिक्री वाले दुकानों में अतिरिक्त अवैध शराब भिजवाना शुरू किया। इस शराब की बिक्री रकम को अलग से एकत्र कर जिला प्रभारी आबकारी अधिकारियों के जरिए सिंडीकेट तक पहुंचाया जाता था।
📊 कितना हुआ घोटाला?
जांच में यह सामने आया कि इस दौरान करीब 60,50,950 पेटी शराब, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये है, बिना ड्यूटी अदा किए बेची गई।
इस रकम का हिस्सा दुकानों के सुपरवाइजर, सेल्समैन से लेकर बड़े अधिकारियों तक बंटता था। पहले यह घोटाला 2161 करोड़ आंका गया था, लेकिन नई जांच में यह आंकड़ा 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
👥 अब तक हुई गिरफ्तारियां
इस मामले में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है।
जांच एजेंसी के अनुसार, इस केस में कुल 70 आरोपी नामजद हैं, और जांच अब भी जारी है।
📄 जिन 29 अफसरों पर चार्जशीट दाखिल की गई
चार्जशीट में जिन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें कई रिटायर्ड अफसर भी शामिल हैं:
- जनार्दन कौरव
- अनिमेष नेताम
- विजय सेन शर्मा
- अरविंद कुमार पाटले
- प्रमोद कुमार नेताम
- रामकृष्ण मिश्रा
- विकास कुमार गोस्वामी
- इकबाल खान
- नितिन खंडुजा
- नवीन प्रताप सिंह तोमर
- मंजुश्री कसेर
- सौरभ बख्शी
- दिनकर वासनिक
- मोहित कुमार जायसवाल
- नीतू नोतानी ठाकुर
- गरीबपाल सिंह दर्दी
- नोहर सिंह ठाकुर
- सोनल नेताम
- प्रकाश पाल
- अलेख राम सिदार
- आशीष कोसम
- ए.के. सिंह (रिटायर्ड)
- राजेश जायसवाल
- जे.आर. मंडावी (रिटायर्ड)
- जी.एस. नुरूटी (रिटायर्ड)
- देवलाल वैष (रिटायर्ड)
- ए.के. अनंत (रिटायर्ड)
- वेदराम लहरे (रिटायर्ड)
- एल.एल. ध्रुव (रिटायर्ड)
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🏛️ धाराएं और अभियोग
इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (धारा 7, 12) तथा IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी), 468, 471, 120-B के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
📌 निष्कर्ष
यह घोटाला न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक चौंकाने वाला मामला है, जहां सरकारी प्रणाली का दुरुपयोग कर इतनी बड़ी आर्थिक हेराफेरी की गई।
अब देखना यह होगा कि न्यायालय इन 29 अफसरों के खिलाफ क्या फैसला लेता है और सरकार इस पूरे सिंडीकेट को तोड़ने के लिए क्या कदम उठाती है।