छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स नगर इकाई सरायपाली द्वारा स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबी अभियान

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छत्तीसगढ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं स्वदेशी जागरण मंच, छ.ग. प्रांत द्वारा 22 अगस्त को दोपहर 4 बजे पूरे प्रदेश में एक साथ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के आव्हान पर देशवासियों से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का आग्रह लाल किले के प्राचीर से किया था ,इस देश व्यापी जनजागरण अभियान में छत्तीसगढ़ के भी समस्त जिला स्थान एवं प्रमुख नगर में स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान के अंतर्गत विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो शंखनाद कार्यक्रम करने का निर्णय छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और स्वदेशी जागरण मंच ने साथ मिलकर लिया,जिसके तहत छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीस की समस्त इकाइयों में एक साथ दिनांक 22अगस्त 2025 को शाम 4 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ,उक्त कार्यक्रम में सरायपाली नगर के सभी व्यापारी संगठनों के सदस्य, समाजसेवी,

नगर के प्रतिष्ठित नागरिक गण,आमंत्रित जनप्रतिनिधियों ने इस स्वदेशी जागरण कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस स्वदेशी जागरण कार्यक्रम को सफल बनाया,

स्वदेशी केवल वस्तुओं का ही नहीं बल्कि देश का अभिमान सम्मान भाषा वेशभूषा परंपराओं और आस्थाओं से जुड़ा विचार है, वंदे मातरम सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष जन्मजय नायक जी ने अपने उद्बोधन में राजीव दीक्षित जी को स्मरण करते हुए कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद कहीं हम अपनी भाषा,भोजन, वेशभूषा और रहा सहन में विदेशी तौर तरीकों को अपनाये हुए हैं इस अधूरी लड़ाई को पूरा करने के लिए उन्होंने स्वदेशी का आंदोलन कर अपना कर स्वराज की स्थापना करने का आग्रह किया था ताकि भारत वास्तव में सुजलाम सुफलाम और आत्मनिर्भर बन सके नायक ने आगे कहा कि अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राण त्यागे इसलिए हमें स्वतंत्रता मिली परंतु विदेशी प्रतिष्ठानों के आक्रमण के कारण यह देश पुनः परतंत्र हो रहा है हमें विदेशी वस्तुओं का उपयोग करने की आदत पड़ गई है परंतु भारत के आदमी को आर्थिक दिवालियापन से बचने हेतु अपने जीवन शैली में बदलाव आवश्यक है उन्होंने विदेशी वस्तुओं के साथ-साथ अंग्रेजों की विदेशी पढ़ाई मैकाले की शिक्षा पद्धति को भी बदलने का जोर दिया,जन्मजय नायक ने आगे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले के प्राचीर से स्वदेशी अपनाओ का आव्हान किया, जो एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है और इस दिशा में सब मिलकर जागरूकता लाने पर बल दिया, प्रधानमंत्री जी के इस आव्हान को चेंबर ऑफ कॉमर्स सरायपाली द्वारा आत्मसात कर यह जो जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है उसके लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स को जन्मजय नायक ने बहुत-बहुत बधाई दिया,,

उद्बोधन के अगले कड़ी में

पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य बहुउद्देशीय गौसंरक्षण, संवर्धन एवं स्वालंबन संस्थान ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष

श्री विवेक शर्मा कर जी ने अपने सार गर्भित उद्बोधन में कहा कि,विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो, स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ,आज का युग आर्थिक प्रतिस्पर्धा का युग है, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी हमारी अर्थव्यवस्था लंबे समय तक विदेशी कंपनियों पर आश्रित रही है, इन कंपनियों ने हमारे देश के संसाधनों का भरपूर उपयोग किया, लेकिन लाभ अपने देश ले गईं, परिणामस्वरूप हमारे देश की पूँजी बाहर जाती रही और स्वदेशी उद्योग पिछड़ते चले गए,विदेशी कंपनियां भारत छोडो केवल एक नारा नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम है, जब हम स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, तो न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है, छोटे-छोटे उद्योग, कारीगर और किसान तभी प्रगति करेंगे जब हम उनकी बनाई वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे,आज आवश्यकता है कि हम उपभोक्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी समझें, यदि हम स्वदेशी वस्तुएँ खरीदेंगे तो बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता घटेगी, स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ का यह अभियान केवल आर्थिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय आत्मसम्मान से भी जुड़ा है,

बीरेंद्र बहादुर शासकीय महाविद्यालय की प्राचार्या आदरणीय श्रीमती संध्या भोई जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि,

महात्मा गांधी ने चरखे के माध्यम से स्वदेशी का संदेश दिया था, आज हमें उसी विचार को डिजिटल युग में आगे बढ़ाना है, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देना और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं को समर्थन देना ही सच्चे अर्थों में राष्ट्रसेवा है,

अतः आओ हम सब मिलकर संकल्प लें विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करें, स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएँ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें, यही देशभक्ति है और यही सच्चा देश बचाओ आंदोलन है,अगस्त क्रांति की स्मृति हमें यह संदेश देती है कि जब पूरा राष्ट्र एकजुट होकर किसी लक्ष्य के लिए खड़ा होता है, तब असंभव भी संभव हो जाता है, उसी भाव को आगे बढ़ाते हुए आज हमें विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो स्वाभिमान स्वावलंबन के संकल्प के साथ आगे बढ़ना है,

देश का मान तभी बढ़ेगा जब हम स्वदेशी अपनाएँगे विदेशी कंपनियाँ हमारे संसाधनों का उपयोग कर लाभ बाहर ले जाती हैं, जबकि स्वदेशी उत्पाद हमारे उद्योग, कारीगर और युवाओं को रोजगार देते हैं,आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब हम अपनी जरूरतों की पूर्ति स्वदेशी साधनों से करेंगे,

फुलझर डिफेंस एकेडमी के डायरेक्टर रिटायर्ड आर्मी मेन श्री धर्मेंद्र चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वदेशी सुरक्षा केवल आर्थिक सुरक्षा नहीं है, यह सांस्कृतिक और सामाजिक सुरक्षा भी है, जब हम अपने उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं, तो हमारी परंपराएँ, हमारी कला और हमारी मेहनत सुरक्षित रहती है, स्वावलंबन का अर्थ है अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति अपने ही बल पर करना यही सच्चा स्वाभिमान है

आज जरूरत है कि हर नागरिक यह संकल्प ले देश का मान बढ़ाना है, तो स्वदेशी अपनाना है, छोटी-सी शुरुआत भी बड़े परिवर्तन ला सकती है यदि हम मोबाइल से लेकर कपड़े, दवा से लेकर कृषि उपकरण तक हर क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे, तो भारत की शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी।

अतः आओ, अगस्त क्रांति की स्मृति में हम सब मिलकर स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान को आगे बढ़ाएँ यही हमारे स्वाभिमान की रक्षा है, यही आत्मनिर्भर भारत की नींव है और यही देश के उज्ज्वल भविष्य की राह है,

नगर व अंचल के प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक परम आदरणीय महाराज श्री शेषाचार्य महाराज जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि

हम सब जानते हैं कि भारतभूमि तपोभूमि है, यह केवल भौतिक उन्नति के लिए नहीं बल्कि आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी जगतगुरु रही है,हमारे ऋषि-मुनियों ने सदा हमें आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और सादगी का संदेश दिया किंतु आज हम अपने ही संस्कारों को भूलकर विदेशी कंपनियों और विदेशी वस्तुओं पर आश्रित होते जा रहे हैं,

विदेशी वस्तुएँ केवल हमारी जेब से धन नहीं ले जातीं, बल्कि हमारे आत्मविश्वास और हमारी संस्कृति को भी खोखला कर रही हैं,यह स्थिति वैसी ही है जैसे कोई परजीवी वृक्ष के मूल रस को चूस ले यदि हम समय रहते नहीं जागे, तो हमारी आने वाली पीढ़ियाँ गुलामी की नई जंजीरों में जकड़ जाएंगी

इसलिए आवश्यक है कि हम अर्थ का अपहरण करने वाली विदेशी कंपनियों को त्यागें और अपने ही देश के श्रम, उत्पाद और उद्योगों को अपनाएँ,

भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है “स्वधर्मे निधनं श्रेयः” अर्थात अपने धर्म, अपने कर्तव्य में लगे रहना श्रेष्ठ है इसी भावना से आज हमें भी “स्वदेशी” को धर्म समझकर अपनाना है,

छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स नगर इकाई सरायपाली के विधिक सलाहकार नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं नोटरी श्री स्वर्ण सिंह सलूजा जी ने अपने सार गर्भित उद्बोधन में कविता के माध्यम से उपस्थित जन समुदाय को जोश भरते हुए कहा कि

स्वदेशी भाव फिर जागे

स्वदेश की पुकार है

अस्मिता पर देश के,

विदेश का प्रहार है,

देश-देश लूटकर जो बन गए महान है, आई.एम.एफ गैट, वर्ल्ड बैंक

के निधान है

झोंकते है धूल, झूठ का,

गरम बाजार है, स्वदेश भाव फिर जगे, स्वदेशी की पुकार है

कुटुंब है वसुंधरा, हम धरा के पूत हे समग्रता, एकात्मता की, संस्कृति की दूत है,सत्यापन का हमें,

मिला सुसंस्कार है

स्वदेश भाव फिर जगे,

स्वदेशी की पुकार है

कुटुंबभाव तोड़कर जो

रच रहे बाजार है

धर्मभाव छोड़कर, जगा रहे विकार है आक्रमण जो कर रहा,

वो शत्रु धुवांधार है,

स्वदेश भाव फिर जगे, स्वदेशी की पुकार है,,

इसके पश्चात सरायपाली के पूर्व विधायक एवं सरस्वती शिशु मंदिर समलेश्वरी सेवा समिति के अध्यक्ष श्री त्रिलोचन पटेल जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि स्वदेशी अपनाओ विदेशी भगाओ का यह नारा संघ में शुरू से ही चलते आ रहा है और हम हमारे सरस्वती शिशु मंदिर के शिक्षा प्रणाली एवं संस्कृत में इसको अपनाये हुए हैं, सरस्वती शिशु मंदिर के सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वदेशी अपनाने के लिए बारंबार आह्वान भी करते हैं,त्रिलोचन पटेल जी ने बताया कि अभी ऑपरेशन सिंदूर में जो भारतीय डिफेंस सिस्टम द्वारा पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए यह भारतीय डिफेंस सिस्टम के ही स्वदेशी उपकरणों का ही कमाल है,इसके पश्चात विश्व मानवाधिकार सुरक्षा आयोग

की राष्ट्रीय सदस्य एवं समाज सेविका डॉ अनीता चौधरी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में बताया कि स्वदेशी अपनाने एवं विदेशी सामानों का बहिष्कार में सबसे ज्यादा यदि किसी के सहभागिता या सहयोग मिलेगा तो वह एक महिला एवं एक मां का मिलेगा क्योंकि वह मां ही अपने घर में अपने बच्चों को अपने घर वालों को विदेशी सामान के बहिष्कार के लिए हमेशा एवं बार-बार टोकेगी, चैंबर ऑफ़ कॉमर्स नगर दिखाइए सरायपाली द्वारा आयोजित शंखनाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए डॉक्टर अनीता चौधरी ने कहा कि चैंबर द्वारा इस कार्यक्रम के तहत हम इस आवाज को प्रत्येक घर के महिलाओं तक पहुंचाएंगे और महिलाओं का इसमें पूरा हमें सहयोग मिलेगा,

चेंबर ऑफ कॉमर्स के इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने धन्यवाद भी दिया,

कार्यक्रम के चलते चलते ही सरायपाली नगर में झमाझम मूसलाधार बारिश शुरू हो गई और इस झमाझम बारिश के बीच में भी प्रमुख वक्ताओं का उद्बोधन चलता रहा, उद्बोधन की समाप्ति के पश्चात प्रमुख वक्ताओं को चैंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, आज के कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में वंदे मातरम संस्थान छत्तीसगढ़ प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री जन्मजय नायक जी,

श्री विवेक शर्मा कर जी, डॉक्टर संध्या भोई जी प्राचार्य वीरेंद्र बहादुर शासकीय महाविद्यालय सरायपाली, श्री धर्मेंद्र चौधरी फुलझर डिफेंस एकेडमी सरायपाली,श्री शेषाचार्य महाराज जी भागवत कथा वाचक,स्वर्ण सिंह सलूजा जी श्री त्रिलोचन पटेल जी डॉक्टर अनीता चौधरी जी डॉ नमिता साहू जी श्रीमती कुमारी भास्कर जी सदस्य जिला पंचायत महासमुंद,

डॉक्टर तारेश्वरी नायक जी सरायपाली का चैंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया,

साथ ही साथ आज के कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्ध जन भी उपस्थित थे जिसमें प्रमुख रूप से श्री संजय शर्मा जी,श्री विपिन उबावेजा जी,श्री धनेश नायक जी,श्री प्रदीप साहू,श्री अर्जुन कुजूर जी स्वदेशी मंच सरायपाली के साथ-साथ नगर के चेंबर के वरिष्ठ सदस्य श्री विलासा अग्रवाल जी, श्री बिहारी लाल अग्रवाल जी, श्री भोजराज अग्रवाल जी,श्री नीरज बंसल जी,चेंबर के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल जी चेंबर ऑफ कॉमर्स नगर इकाई सरायपाली के अध्यक्ष श्री मुकेश अग्रवाल जी, चैंबर ऑफ़ कॉमर्स नगर इकाई सरायपाली के सचिव सेवा शंकर अग्रवाल,

किराना व्यापारी संघ से श्री राजेश अग्रवाल जी के साथ-साथ नगर के अन्य प्रबुद्ध जन भी उपस्थित थे,

कार्यक्रम के अंत में चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज रायपुर के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल जी ने सभी उपस्थित वक्ताओं एवं सदस्यों को धन्यवाद दिया एवं चेंबर के आगामी कार्यक्रमो में इसी तरह उपस्थित होने हेतु निवेदन किया,

कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन सरायपाली चैंबर ऑफ़ कॉमर्स नगर इकाई के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल द्वारा किया गया, श्री मुकेश अग्रवाल द्वारा चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश कार्यालय तथा भारत सरकार से यह मांग की गई कि अभी विदेशी सामान कौन सा है आम जनता को मालूम नहीं चलता है इसलिए उसके पहचान के लिए भारत सरकार ऐसी व्यवस्था करें कि जो भी विदेशी सम्मान मार्केट में बिक रहा है उसकी एक पहचान सुनिश्चित हो लाल हरा पीला या नीला कुछ उसमें मार्का हो जिससे छोटे-छोटे जगह के आम नागरिकों को मालूम चल सके कि विदेशी सामान यह है और इसका हमको बहिष्कार करना है, मंच संचालन सचिव सेवाशंकर अग्रवाल द्वारा किया गया,

 

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